Wednesday, October 15, 2025
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गांधी जी जैसी लीडरशिप क्वालिटी के लिए पैरेंट्स बच्चों को जरूर सिखाएं ये 5 बातें

हर साल देशभर में 2 अक्टूबर का दिन महात्मा गांधी यानी मोहनदास करमचंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) की जन्मतिथि के रूप में मनाया जाता है। गांधी जी को पूरा देश प्यार से बापू के नाम से पुकारता है। बच्चों को भी स्कूल में बापू के आदर्शों, अहिंसा और सत्य, पर चलने का महत्व समझाया जाता है, ताकि वो भविष्य में आगे चलकर एक अच्छे व्यक्तित्व के मालिक बनें। बापू ने न सिर्फ देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि उनका पूरा जीवन ही एक सीख की तरह है, जिसके अगर कुछ हिस्से पर भी अमल कर लिया जाए तो व्यक्ति का पूरा जीवन संवर सकता है। महात्मा गांधी के विचार और उनकी लिखी हुईं किताबें लोगों के जीवन में खासा असर डालती हैं। आइए आज बापू की जन्मतिथि पर जानते हैं ऐसी 5 बातें जो बच्चों को सिखाई जा सकती हैं।

अंहिसा- 
अहिंसा परमो धर्म के आदर्श पर चलने वाले गांधी जी (Gandhi Ji) का मानना था कि हिंसा किसी भी बात का जवाब नहीं हो सकती। लेकिन आजकल के बच्चों को छोटी-छोटी बात पर भी गुस्सा आ जाता है। ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वो अपने बच्चे को समझाएं कि अगर स्कूल या घर के पास आपकी किसी दोस्त से अनबन हो जाती है तो उसे गांधी जी की तरह अहिंसा से सुलझाने का प्रयास करें। इसी से शांति बनी रह सकती है।

कुछ भी नहीं मुश्किल-
जीवन में यदि व्यक्ति कुछ ठान ले तो चाहे कुछ भी हो जाए उसे अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए हर कोशिश करनी चाहिए। यह व्यक्ति की दृणता ही है जो उसे हर कठिनाई से लड़ने और पार पाने की शक्ति देती है। यही दृणता गांधी जी के कई आंदोलनों में भी देखने को मिलती है।

सत्य- 
झूठ और कपट से जितना दूर रहा जाए उतना बेहतर है। बापू हमेशा सत्य की शक्ति में विश्वास करते थे। वहीं, आज के दौर में बच्चे अक्सर झूठ बोलते हैं। बच्चों को हमेशा अपनी गलतियों को स्वीकार करना सिखाना चाहिए। साथ ही माता-पिता को अपने बच्चों को यह भी बताना चाहिए की सच बोलने के लिए तैयार रहकर रिश्तों को फिर से बेहतर बनाया जा सकता है।

सादा जीवन, उच्च विचार’ –
महात्मा गांधी जी बड़े सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके पास जो कुछ भी था उससे संतुष्ट और उत्साहित थे। माता-पिता को अपने बच्चों को इस तथ्य पर जोर देना चाहिए कि मानवीय संबंध और रिश्ते अक्सर हमारी सबसे बड़ी खुशी का परिणाम होते हैं। इसलिए उन्हें सबसे ऊपर महत्व दिया जाना चाहिए। महात्मा गांधी का आदर्श वाक्य ‘सादा जीवन, उच्च विचार’ था। बराबरी 
गांधी जी कभी किसी को जात-पात से तोलकर नहीं देखते थे, उनके लिए हर व्यक्ति बराबर था। हमें भी अपने बच्चों को भेदभाव का नहीं बल्कि बराबरी का पाठ पढ़ाना चाहिए ।

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