Wednesday, October 15, 2025
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मध्य प्रदेश में पोषण आहार के कथित घोटाले को लेकर सरकार ने दिया स्पष्टीकरण, कहा : नहीं हुआ कोई घोटाला

मध्य प्रदेश में पोषण आहार में कथित घोटाले के मामले को लेकर सरकार ने अब अपना पक्ष रखा है। कैग की रिपोर्ट पर सरकार का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में पोषण आहार संबंधी कोई घोटाला नहीं हुआ है। इसे लेकर गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष सिर्फ हल्ला मचा कर मध्य प्रदेश को बदनाम करने का काम रहे हैं। नरोत्तम मिश्रा ने आगे कहा कि दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से शराब घोटाले का ब्यौरा मांगा गया तो उन्होंने यह भी प्रपंच फैलाना शुरू कर दिया।

दरअसल, नरोत्तम मिश्रा ने पूरे मामले पर सफाई देते हुए कहा कि महिला बाल विकास विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के बालिकाओं संबंधी आंकड़े एक हो ही नहीं सकते। भारत सरकार को भेजी गई जानकारी में स्पष्ट कहा गया है कि जिन 2 लाख 52 हजार बालिकाओं को पोषण आहार दिया गया, वह बालिकाएं स्कूल नहीं जाती।

उन्होंने कहा कि वास्‍तव में हर प्‍लांट में विभिन्‍न-विभिन्‍न प्रक्रियाओं के अंतर्गत अलग-अलग तरह से पोषण आहार तैयार किए जाते हैं। उदाहरण के तौर पर खिचड़ी, बर्फी, हलवा,लड्डू आदि। औसत बिजली की खपत से उत्‍पादन को सीधे जोड़ने का औचित्‍य नहीं है फिर भी हम इस संबंध में विस्‍तृत विशलेषण आडिट के समक्ष प्रस्‍तुत कर रहे हैं। इसके साथ ऑडिट रिपोर्ट के अन्य बिंदुओं पर भी सरकार ने अपना जवाब पेश किया है।

वहीं बाइक और कार के नंबरों पर पोषण ऑडिट रिपोर्ट पर सवाल उठा जिसपर उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में वाहन क्रमांक एमपी 15AV 3835 का उल्‍लेख किया है जो परिवहन पोर्टल पर दर्ज नहीं है। वहीं अभिलेखों की जांच में यह देखा गया कि पोषण आहार वास्‍तव में वाहन क्रमांक एमपी 15 LA 3835 से किया गया न कि वाहन क्रमांक एमपी 15 AV 3835 से। पोषण आहार संयंत्र सागर के तौल कांटे और सुरक्षा रजिस्‍टर में एमपी 15 LA 3835 दर्ज है।

नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ सरकार महिला विरोधी और ठेकेदार समर्थक थी। वर्ष 2018 में भाजपा सरकार ने 7 पोषण आहार संयत्रों का निर्माण किया था तथा उन्‍हें महिला स्‍व-समूहों को चलाने के लिए सौंपा था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने 16 जनवरी 2020 को आदेश कर यह संयत्र महिला समूहों से वापिस लेकर एम.पी.एग्रो को दे दिए।इस मामले में सफाई देते हुए मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि अप्रैल 2019 से फरवरी 2020 तक कांग्रेस की सरकार थी। और उस समय पोषण आहार की क्वालिटी में गड़बड़ी पाई गई थी। जिसके बाद हमारी सरकार में सप्लायर का करीब 35 करोड़ का भुगतान रोका गया था।

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