भारतीय नौसेना का वार्षिक रिफिट सम्मेलन- 23 (एआरसी-23) और वार्षिक बुनियादी ढांचा व स्वदेशीकरण सम्मेलन- 23 (एआईआईसी-23) 23 और 24 फरवरी 23 को विशाखापत्तनम स्थित पूर्वी नौसेना कमान के मुख्यालय में आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता चीफ ऑफ मैटेरियल (सीओएम) वाइस एडमिरल संदीप नैथानी ने की। इस सम्मेलन के दौरान मरम्मत योजनाओं, भारतीय नौसेना के पोतों/पनडुब्बियों की परिचालन उपलब्धता और भारतीय नौसेना की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए बुनियादी ढांचे के संवर्द्धन की योजनाओं पर चर्चा की गई।
चीफ ऑफ मैटेरियल ने नौसेना मंचों की मशीनरी, हल्ल, हथियार और सेंसरों के रखरखाव व उनके विकास के पहलुओं पर हुई प्रगति की सराहना की। उन्होंने रखरखाव अवधि में कमी के माध्यम से पोतों व पनडुब्बियों की परिचालन उपलब्धता में बढ़ोतरी सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी समुदाय से अनुरोध किया कि वे सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करें और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, क्वांटम कम्प्यूटेशन, आईओटी के लिए 5जी, रोबोटिक्स आदि जैसी नवीनतम तकनीकों का उपयोग करें। उन्होंने आगे भारतीय नौसेना की बढ़ती भूमिका और मूल पत्तन से दूर पोतों की विस्तारित तैनाती को रेखांकित किया, जो गुणवत्ता आउटपुट देने के लिए मरम्मत अधिकारियों पर अधिक निर्भरता की मांग करती है।
चीफ ऑफ मैटेरियल ने 24 फरवरी 2023 को आयोजित एआईआईसी की बैठक के दौरान विभिन्न तकनीकी और समुद्री बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने भारतीय नौसेना में मरम्मत और रीफिटिंग सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से संचालित तकनीकी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की गति पर अपनी संतुष्टि व्यक्त की। इसके अलावा बैठक के दौरान अगले 15 वर्षों में शामिल किए जाने वाले भविष्य के मंचों के लिए अतिरिक्त गोदी (बर्थिंग स्पेस) के निर्माण सहित विभिन्न समुद्री बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की गई।
इस सम्मेलन के दौरान भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत की पहल के अनुरूप स्वदेशीकरण पर एक विशेष सत्र भी आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में नौसेना मुख्यालय, तीन नौसेना कमानों, त्रि-सेवा अंडमान और निकोबार कमान, नौसेना परियोजनाओं के महानिदेशक, नौसेना डॉकयार्ड, मरम्मत यार्ड और भारतीय नौसेना के सामग्री संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
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