Wednesday, December 17, 2025
spot_img
Homeमध्यप्रदेशमुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में निवेश और औद्योगिक विकास के पथ...

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में निवेश और औद्योगिक विकास के पथ पर लगातार अग्रसर-एमएसएमई मंत्री श्री काश्यप

2047 तक मध्यप्रदेश की जीडीपी 15 लाख करोड़ से 250 लाख करोड़ ले जाने का लक्ष्य
मध्यप्रदेश में निवेश और उद्योगों के प्रति देश और दुनिया के उद्योगपतियों में आकर्षण

एमएसएमई मंत्री श्री चेतन्य कुमार काश्यप ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास, निवेश और रोजगार सृजन के क्षेत्र में एक नए युग में प्रवेश कर चुका है और देश विदेश के निवेशक मध्यप्रदेश के प्रति आकृषित हुए हैं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य 2047 तक प्रदेश की जी डी पी 15 लाख करोड़ से 250 लाख करोड़ तक ले जाने का है।विकसित भारत @2047 के राष्ट्रीय विज़न के अनुरूप मुख्यमंत्री डॉ यादव ने मध्यप्रदेश के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय किया है—प्रदेश को एक संतुलित, समावेशी और आत्मनिर्भर औद्योगिक अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करना, जहां युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिले, एमएसएमई सशक्त हों और निवेशकों को भरोसेमंद माहौल प्राप्त हो। इसी विज़न के साथ सरकार ने आगामी तीन वर्षों का मिशन तय किया है, जो अधोसंरचना, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, निवेश और नवाचार पर केंद्रित है।

विधानसभा के विशेष सत्र में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य काश्यप ने सरकार की उपलब्धियों, आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना और मिशन 2047 की व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में औद्योगिक विकास को केवल नीतियों तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि उसे ज़मीन पर परिणामों में बदला गया है।

पिछले दो वर्षों में निवेश और औद्योगिक विश्वास की मजबूती

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य काश्यप ने बताया कि पिछले दो वर्षों में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने औद्योगीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में स्थापित किया है। फरवरी 2025 में भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट ने यह स्पष्ट कर दिया कि मध्यप्रदेश आज निवेशकों के लिए भरोसे, स्थिरता और दीर्घकालिक दृष्टि वाला राज्य बन चुका है। इसके साथ-साथ रीजनल इंडस्ट्री कॉनक्लेव, रीजनल इंडस्ट्री स्किल एंड एम्प्लॉयमेंट कॉनक्लेव (RISE), सेक्टर-विशिष्ट संवाद और देश-विदेश में आयोजित इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से स्थानीय उद्यमियों, एमएसएमई इकाइयों और वैश्विक निवेशकों को सीधे संवाद का अवसर मिला।

इन सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रदेश को लगभग 30.77 लाख करोड़ रु. के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 8.57 लाख करोड़ रु. के प्रस्ताव धरातल पर उतर चुके हैं। मंत्री श्री काश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वयं निवेश प्रोत्साहन की पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और निवेश अनुकूल 18 नई नीतियों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि निवेश केवल कागज़ों तक सीमित न रहे, बल्कि समयबद्ध रूप से उत्पादन और रोजगार में परिवर्तित हो।

आगामी तीन वर्षों का मिशन : अधोसंरचना, गति और विश्वास

सरकार की आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना अधोसंरचना विकास, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन पर आधारित है। वर्ष 2029 तक 35 नए औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना, एक्सप्रेस-वे और कॉरिडोर आधारित औद्योगिक नोड्स का विकास, डीएमआईसी के अंतर्गत विक्रम उद्योगपुरी फेस-2 और इंदौर-पीथमपुर इकोनॉमिक कॉरिडोर को गति देना इस मिशन का प्रमुख हिस्सा है।

लॉजिस्टिक्स को सशक्त बनाने के लिए नए कार्गो टर्मिनल और इनलैंड कंटेनर डिपो विकसित किए जाएंगे। प्लग-एंड-प्ले पार्क और रेडी-टू-यूज़ शेड्स के माध्यम से उद्योगों की त्वरित स्थापना सुनिश्चित की जाएगी। सभी G2B सेवाओं को पूरी तरह पेपरलेस करते हुए सिंगल विंडो सिस्टम Invest 3.0 के माध्यम से निवेशकों को पारदर्शी और समयबद्ध सेवाएं दी जा रही हैं।

मिशन 2047 : संतुलित और औद्योगिक अर्थव्यवस्था की दिशा में

मिशन 2047 के तहत मध्यप्रदेश को कृषि आधारित मजबूती के साथ उद्योग और सेवा क्षेत्र में संतुलित वृद्धि की दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है। उद्योग क्षेत्र के योगदान को सशक्त करते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को अधिक मूल्य संवर्धन, निर्यात और व्यापक रोजगार सृजन से जोड़ने का लक्ष्य है। सरकार का उद्देश्य है कि 2047 तक सेवा और उद्योग क्षेत्र का योगदान लगभग 75 प्रतिशत तक पहुंचे।

नवाचार और तकनीक के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बायोटेक्नोलॉजी, क्लीन टेक, सेमीकंडक्टर, एयरोस्पेस और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे सनराइज सेक्टर्स में निवेश आकर्षित किया जाएगा। आईटी पार्क, साइबर सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क, रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन और लेदर क्लस्टर जैसी परियोजनाएं प्रदेश को भविष्य की अर्थव्यवस्था से जोड़ रही हैं।

रोजगार, एमएसएमई और उद्यमिता पर फोकस

मुख्यमंत्री के विज़न का केंद्र रोजगार सृजन है। औद्योगिक कॉरिडोर, मेगा निवेश परियोजनाएं और एमएसएमई आधारित विकास के माध्यम से लाखों युवाओं के लिए नए अवसर तैयार किए जा रहे हैं। एमएसएमई नीति, स्टार्टअप नीति और उद्यम क्रांति योजना के माध्यम से युवाओं, महिलाओं और नए उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। आगामी वर्षों में एमएसएमई के जरिए बड़े पैमाने पर निवेश, रोजगार और निर्यात को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया गया है।

आत्मनिर्भर और विकसित मध्यप्रदेश की ओर निर्णायक कदम

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री चैतन्य काश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास को केवल आंकड़ों की उपलब्धि के रूप में नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन के सशक्त माध्यम के रूप में आगे बढ़ा रहा है। आगामी तीन वर्ष प्रदेश के लिए निर्णायक सिद्ध होंगे, जिनमें अधोसंरचना, निवेश, नवाचार और रोजगार को एक साथ जोड़ते हुए मिशन 2047 की ठोस नींव रखी जा रही है।

उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य मध्यप्रदेश को ऐसा राज्य बनाना है जहां निवेशकों को नीति-स्थिरता और प्रशासनिक भरोसा मिले, युवाओं को अपने ही प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण रोजगार के अवसर उपलब्ध हों और एमएसएमई प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में और अधिक सशक्त बनें। इसी दिशा में किए जा रहे योजनाबद्ध प्रयास मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और विकसित राज्य के रूप में स्थापित करेंगे।

कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग

पिछले दो वर्षों मध्यप्रदेश ने विकास और नवाचार की नई ऊँचाइयां छुई हैं। यह उपलब्धियां केवल आंकड़े नहीं हैं, बल्कि हमारे परिश्रम, संकल्प और जनभागीदारी का प्रमाण हैं।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश ने देश में स्किल सत्यापन एवं स्किल प्रशिक्षण में दूसरा, एनरोलमेंट, पंजीयन, प्रशिक्षण स्टायफंड वितरण (संख्या), ई-वाउचर, तथा ऋण वितरण (संख्या एवं राशि) में तीसरा, ऋण स्वीकृति (संख्या एवं राशि) में चौथा तथा टूलकिट वितरण में पाँचवां स्थान प्राप्त किया है। 48,063 ऋण प्रकरण स्वीकृत हुए, जिनकी राशि ₹ 436.34 करोड़ है। 42,559 प्रकरणों में ₹ 378.06 करोड़ का ऋण वितरित हुआ। 2,16,013 हितग्राहियों को कौशल विकास प्रशिक्षण मिला। 85,536 हितग्राहियों को टूलकिट और 2,45,513 हितग्राहियों को ई-वाउचर प्रदान किए गए। यह हमारी मेहनतकश जनता के आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते कदम हैं।

हाथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास निगम और खादी बोर्ड ने मिलकर ₹ 65.10 करोड़ का विक्रय एम्पोरियम/प्रदर्शनियों के माध्यम से किया। एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत विभाग के लिये चयनित जरी जरदोजी एवं जूट, लकड़ी के खिलौने, बाग प्रिंट, सीधी कारपेट, चंदेरी साड़ी, गुड़ दतिया एवं बटिक प्रिंट उज्जैन के उत्पादों की ब्रांडिंग एवं विपणन की सुविधा, विभाग की प्रमोशन, ब्रांड बिल्डिंग एवं विपणन अधोसंरचना योजना अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही है। हमारे शिल्पकारों की कला को सम्मान मिला है। डिण्डौरी का रॉट आयरन, उज्जैन का बटिक प्रिंट, ग्वालियर का कालीन शिल्प, बालाघाट की वारासिवनी साड़ी और जबलपुर का पत्थर शिल्प-इन सबको जी.आई. टैग प्राप्त हुआ। सीहोर के लकड़ी के खिलौने और नीमच का नांदना प्रिंट भी जल्द ही प्रमाणित होंगे। रोजगार सृजन में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई।

शासकीय वस्त्र प्रदाय योजना से 3132 बुनकरों को 1.27 लाख मानव दिवस का रोजगार मिला। ICDP और कौशल विकास योजनाओं से 1653 बुनकरों को प्रशिक्षण और उपकरण उपलब्ध कराए गए। 1710 हितग्राहियों को कौशल उन्नयन विकास कार्यक्रम से प्रशिक्षित किया गया। खादी और ग्रामोद्योग ने भी नई पहचान बनाई। ₹ 10.15 करोड़ का उत्पादन हुआ और 650 कतिन-बुनकरों को रोजगार मिला। 427 नए कतिन-बुनकरों को प्रशिक्षण देकर उत्पादन कार्य में जोड़ा गया। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर “कबीरा खादी” और “विंध्यावैली” ब्रांड को लॉन्च किया गया। रेशम उत्पादन में भी मध्यप्रदेश ने कदम आगे बढ़ाए।

निजी क्षेत्र में मलबरी पौधारोपण 439 एकड़, शासकीय रेशम केन्द्रों पर मलबरी पौधारोपण 276 एकड़ कुल 715 एकड़ में 3.51 किलोग्राम मलबरी ककून उत्पादन कर 5451 किसानों को लाभान्वित किया गया। 1388 ककून हितग्राहियों से 808.10 लाख टसर ककून उत्पादन कराया गया। पचमढ़ी में सिल्कटेक पार्क, मढ़ई में ईको टूरिज्म और मालाखेड़ी में ककून मंडी की स्थापना की गई।

मध्यप्रदेश आज केवल संभावनाओं का राज्य नहीं, बल्कि परिणामों का राज्य बन रहा है। सरकार की नीतियां, नेतृत्व की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक सुधार-तीनों मिलकर प्रदेश को उद्योग, निवेश और रोजगार का नया केंद्र बना रहे हैं।

हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि विकास का लाभ प्रदेश के हर जिले, हर युवा और हर परिवार तक पहुंचे। मध्यप्रदेश आगे बढ़ रहा है-तेजी से, संतुलन के साथ और विश्वास के साथ।

RELATED ARTICLES

ADVERTISMENT

Most Popular