Thursday, October 30, 2025
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“वृद्धिशील से स्मारकीय तक”: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय डाक व्यापार सम्मेलन 2025-26 (दूसरी तिमाही) में विकसित भारत की दिशा में भारतीय डाक विभाग की परिवर्तनकारी रूपरेखा प्रस्तुत की

केंद्रीय संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रीश्री ज्योतिरादित्य एमसिंधिया के नेतृत्व में डाक विभाग ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही के लिए अपनी त्रैमासिक व्यावसायिक बैठक नई दिल्ली में आयोजित की। इस महत्वपूर्ण बैठक में पूरे देश के मंडल प्रमुखों ने भारतीय डाक के व्यावसायिक परिवर्तन के लिए विकसित हो रही रूपरेखा और एक प्रमुख लॉजिस्टिक्स और नागरिककेंद्रित सेवा प्रदाता के रूप में इसकी बढ़ती भूमिका पर विचारविमर्श किया।

 

केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एमसिंधिया ने भारतीय डाक व्यावसायिक सम्मेलन 2025-26 (दूसरी तिमाहीकी अध्यक्षता की

श्री सिंधिया ने इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारतीय डाक प्रौद्योगिकीनवाचार और समावेशिता द्वारा संचालित एक बड़े पैमाने परभविष्य के लिए तैयार लॉजिस्टिक्स संगठन के रूप में रूपांतरित होने के लिए तैयार है।

श्री सिंधिया ने इस परिवर्तन के प्रमुख स्तंभों पर प्रकाश डालते हुए भारतीय डाक को उसके नए युग में आगे बढ़ाने के लिए कई रणनीतिक दिशाओं की घोषणा की।

  • मंत्री महोदय ने अर्धवार्षिक (एच1) लक्ष्यों के सापेक्ष प्रदर्शन की समीक्षा की। 50 प्रतिशत के लक्ष्य के सापेक्ष 38 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज की गई हैजिसमें दिल्ली और तेलंगाना इस प्रदर्शन में अग्रणी रहे हैं।
  • उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विभाग को पार्सल के क्षेत्र में ही रहनासाँस लेना और सोना चाहिए और अगले पाँच वर्षों में पार्सल व्यवसाय से 25,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी को मज़बूत करने और मेल और पार्सल सेवाओं से राजस्व बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने अनुमान लगाया है कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र कुल राजस्व में 75 प्रतिशत का योगदान देगा।
  • पार्सल और मेल संचालन को समर्थन देने के लिएमंत्री महोदय ने अगले वर्ष के आरंभ में शुरू की जाने वाली नई डिलीवरी सेवाओं की घोषणा की और यह भी निर्देश दिया कि मार्च 2026 तक मुख्य मार्गों पर सड़क परिवहन के बुनियादी ढाँचे को उन्नत किया जाएजिसमें पूर्वोत्तर राज्यों में कनेक्टिविटी में सुधार पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा।
  • नागरिककेंद्रित और बचत बैंक सेवाओं में डिजिटल सक्षमता की सफलता पर प्रकाश डालते हुएमाननीय मंत्री महोदय ने ज़ोर देकर कहा कि इसी तरह की सकारात्मकता और नवाचार को अब अन्य सभी सेवा क्षेत्रों तक बढ़ाया जाना चाहिए।
  • तीसरी तिमाही के लिएबारह मध्यम प्रदर्शन वाले क्षेत्रों – ओडिशाबिहारछत्तीसगढ़हरियाणाहिमाचल प्रदेशजम्मूकश्मीरमहाराष्ट्रकेरलकर्नाटकतमिलनाडुपश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के लिए लक्षित हस्तक्षेप की योजना बनाई गई है। ये क्षेत्र दिल्ली और तेलंगाना से प्रेरित होकर सफलता के मॉडल विकसित करेंगे।
  • सभी छह क्षेत्रों के लिए मासिक समीक्षा बैठकें संस्थागत रूप से आयोजित की जाएँगीजिनकी अध्यक्षता संबंधित वर्टिकल प्रमुख और सचिव (डाककरेंगेजिससे कड़ी निगरानी और समय पर निष्पादन समीक्षा सुनिश्चित होगी।
  • सर्किल प्रमुखों को सहकर्मी शिक्षण और प्रतिस्पर्धी बेंचमार्किंग में संलग्न होनेसफल मॉडलों का विश्लेषण करने और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले सर्किलों की सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। मंत्री महोदय ने नवीन रणनीतियाँ विकसित करने और नए राजस्व स्रोतों की पहचान करने के लिए प्रतिस्पर्धियों और मूल्य श्रृंखला का अध्ययन करने के महत्व पर बल दिया।
  • व्यावसायिक राजस्व में 80 प्रतिशत निजी क्षेत्र का योगदान प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ व्यावसायिक लाइनों के विविधीकरण को आगे बढ़ाया जाएगा। मंत्री महोदय ने कहा कि अगले पाँच वर्षों मेंव्यवसाय मिश्रण में 20:80 सार्वजनिकनिजी अनुपात शामिल होना चाहिएजिसमें सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए निजी क्षेत्र के सहयोग पर अधिक ज़ोर दिया जाना चाहिए।
  • सर्किलों को निर्देश दिया गया है कि वे बढ़ी हुई राजस्व प्राप्ति और लागत अनुकूलन के माध्यम से अगली तिमाही तक पेंशन सहित अपने व्यय कवरेज अनुपात (ईसीआरको 50 प्रतिशत से अधिक तक सुधारें।
  • मंत्री महोदय ने वोकल फॉर लोकल” और लोकल टू ग्लोबल” के प्रतीक के रूप में भारतीय डाक की भूमिका को और विस्तारित करने की पुष्टि की तथा अपने विशाल नेटवर्क के माध्यम से स्थानीय उद्यमों और कारीगरों को समर्थन देने की बात कही।

श्री सिंधिया ने इस बात पर भी बल दिया कि यह परिवर्तन न केवल महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने के बारे में हैबल्कि संगठन के भीतर परिवारसहयोग और साझा उद्देश्य की भावना को बढ़ावा देने के बारे में भी है। उन्होंने सर्किल प्रमुखों को नियमित क्षेत्र भ्रमण और टीमों के साथ जुड़ाव के माध्यम से इस संस्कृति को मज़बूत करने के लिए प्रोत्साहित किया और सभी स्तरों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों की सराहना की।

मंत्री महोदय ने यह भी घोषणा की कि राज्यों के 18 डाकघरों को अगली पीढ़ी के डाकघरों के रूप में विकसित किया जाएगाजिन्हें सुगम्यताडिज़ाइन और सेवा उत्कृष्टता में नए मानक स्थापित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पहल पूरे नेटवर्क में भविष्य के परिवर्तन के लिए एक आदर्श के रूप में कार्य करेगी और निरंतर नवाचार और नागरिककेंद्रित सेवा के प्रति भारतीय डाक की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करेगी।

मंत्री महोदय ने विभाग की प्रगतिशील गति की सराहना करते हुए प्रदर्शनसंचालितनवाचारआधारित ढाँचे की ओर भारतीय डाक के बदलाव की सराहना की और अधिकारियों से एक पेशेवरसेवाउन्मुख संस्कृति को विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारतीय डाक को सार्वजनिक सेवा प्रदान करने और विश्वास बनाए रखने के अपने मूल जनादेश को कायम रखते हुएलॉजिस्टिक्स और वित्तीय सेवाओं में एक प्रतिस्पर्धी सेवा प्रदाता के रूप में विकसित होते रहना चाहिए।

व्यापार सम्मेलन 2025-26 (दूसरी तिमाहीका समापन व्यवसाय विकास में तेजी लानेप्रौद्योगिकी का लाभ उठाने और पूरे संगठन में सेवानवाचार और उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने की सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ हुआ।

वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही की व्यावसायिक बैठक में डाक विभाग का वरिष्ठ नेतृत्व

सोशल मीडिया लिंक:

  1. https://x.com/JM_Scindia/status/1983442658216579301
  2. https://x.com/IndiaPostOffice/status/1983437490217427281
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