Wednesday, October 15, 2025
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मेनका गांधी ने कलेक्टर को पत्र लिखा और कहा ग्‍वालियर में अवैध एनजीओ पर काम

ग्वालियर । लोकसभा सांसद मेनका गांधी ने ग्वालियर में आवारा श्वानों को लेकर नगर निगम से लेकर प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होनें कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह को पत्र लिखकर कहा है कि ग्वालियर में नगर निगम आयुक्त ने अवैध, अप्रशिक्षित और अपंजीकृत संस्था को आवारा श्वानों के ट्रीटमेंट का काम दे दिया, जिस कारण यह संस्था बड़ी संख्या में श्वानों को मार रही है।उन्होंने कहा यहां न कोई रिकार्ड है न प्रापर इलाज इस कारण श्वानों को जब कहीं भी छोड़ दिया जाता है तो यह बड़ी संख्या में आमजन को काट रहे है। स्वच्छता विभाग के कर्मचारी को इस संस्था को लेकर जिम्मेदार ठहराया है। मेनका गांधी ने यह लिखा पत्र: मेनका गांधी ने अपने पत्र लिखा है कि पूर्व में एनिमल एक्टिविस्ट की ओर से नगर निगम कार्यालय में मांग उठाकर इस बदहाली को बताया गय था लेकिन पूर्व नगर निगम आयुक्त ने सुनवाई नहीं की थी। इसके बाद प्रशासन से मांग की तो कलेक्टर की ओर से निगरानी के लिए तत्कालीन तहसीलदार को जिम्मेदारी सौंपी गई जिसके बाद एबीसी सेंटर का प्रबंधन किया गया और साफ सफाई कर व्यवस्थाएं सुधारी गईं थीं। मेनका गांधी ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि उन्होनें नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह को काल किया था और बताया था कि अधिकृत एनजीओ को ही यह कार्य दिया जाना चाहिए जो एनिमल वेलफेयर बोर्ड से संबद्व हो। इसके साथ ही वर्तमान एनजीओ उपमन्यु पशु कल्याण संस्था और गौरव परिहार के बीच लिंक है। पहले गौरव परिहार को हटा दिया गया था लेकिन अब वह वापस आ गया है।

विनय नगर से मिली शिकायत

 

 

सांसद मेनका गांधी ने पत्र में लिखा है कि उनके पास ग्वलियर के विनय नगर से रेनू जैन का काल अाया था, जिसमें बताया कि पांच से छह श्वान जिन्हें टांके लगे हुए थे वहां फेंका गया। इसके बाद मेनका गांधी ने परिहार को फोन किया और गौरव ने यह कहा कि एनजीओ में बदलाव नहीं होगा। मेनका गांधी ने कलेक्टर को लिखे पत्र में गौरव पर भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया है। मेनका गांधी ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।

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