Friday, October 24, 2025
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लंदन में दिए गए बयान पर बढ़ सकती हैं राहुल की मुश्किलें

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लंदन में दिए गए भाषण को लेकर सोमवार (13 मार्च) को संसद में जोरदार हंगामा हुआ। बीजेपी सांसदों ने राहुल से माफी मांगने और उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की। राहुल गांधी की मुश्किल और बढ़ सकती है। सूत्रों के मुताबिक, संसद की विशेषाधिकार समिति राहुल गांधी के लंदन में दिए गए भाषण का स्वत: संज्ञान ले सकती है।विशेषाधिकार समिति फिलहाल राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान राहुल गांधी के भाषण का मसला देख रही है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर समिति मामले को देख रही है।

सांसद निशिकांत दुबे ने बीते शुक्रवार को ही राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस को लेकर संसदीय समिति के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था और उनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी।बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले दिन एक अलग ही नजारा देखने को मिला। जब सत्ता पक्ष के सांसदों ने ज्यादा हंगामा किया। राहुल गांधी के बयान से गुस्साए बीजेपी के सांसदों ने दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा किया और राहुल गांधी से सदन में आकर माफी की मांग की। राहुल के बयान को लेकर पूरी पार्टी ने एक साथ हमला बोला। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की।गिरिराज सिंह ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान टुकड़े-टुकड़े गैंग की तरह बात की।

उन्होंने संसद में बहुत कुछ बोला है, लेकिन लंदन में उन्होंने कहा कि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जाती है और माइक बंद कर दिया जाता है। मुझे लगता है कि यह लोकतंत्र पर हमला है और लोकसभा व देश का अपमान है।उधर विपक्षी दलों ने भी सुबह बैठक कर ये फैसला किया कि अडानी मसले पर जेपीसी जांच की मांग और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के मुद्दे पर सरकार को घेरा जाएगा। इन मुद्दों पर विपक्ष ने हंगामा भी किया, लेकिन सत्ता पक्ष के सदस्यों का विरोध उनकी आवाज पर भारी पड़ गया। हालांकि कांग्रेस ने साफ कर दिया कि राहुल गांधी माफी नहीं मांगेंगे।

हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।हालांकि संसद में माइक बंद करने और सांसदों को नहीं बोलने देने वाले बयान पर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी को ज्यादा समर्थन मिलता नहीं दिख रहा है। इसकी बानगी आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई लोकसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में देखने को मिली। संसद में बोलने का मौका नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी और डीएमके के टी आर बालू ने बैठक का बहिष्कार कर वॉक आउट कर दिया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर बैठक में मौजूद जेडीयू और अन्य विपक्षी दलों ने इस आरोप का समर्थन नहीं किया।

दरअसल, पिछले हफ्ते अपनी लंदन यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने ब्रिटिश सांसदों से कहा था कि भारत की लोकसभा में विपक्ष के लिए माइक अक्सर खामोश करा दिए जाते हैं।उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि आरएसएस देश को लोकतंत्र पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा था कि आरएसएस ने देश के संस्थानों पर कब्जा करके भारत में लोकतांत्रिक चुनाव की प्रकृति को बदल दिया है।अडानी मुद्दे को लेकर बजट सत्र में मोदी सरकार लगातार विपक्ष के निशाने पर है। ऐसे में राहुल गांधी के बयान के रूप में उसे विपक्ष पर पलटवार करने का मौका मिल गया है। सरकार के तेवर से साफ हैं कि वह फिलहाल इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठने वाली और कांग्रेस पर दबाव बनाकर रखना चाहती है।

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