Delhi-रामपुर जिले में एक गांव के किसान वेद राम सिंह ने सड़क दुर्घटना में अपना बायां पैर खो दिया था। इस आकस्मिक घटना से न केवल श्री वेद राम बल्कि उनके पूरे परिवार को गहरा आघात पहुंचा था, क्योंकि वे अपने परिवार के लिए जीविकोपार्जन और भोजन प्रबंध करने वाले एकमात्र सदस्य हैं। श्री वेद राम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद अपने घर की चारदीवारी में कैद हो गए थे। लेकिन एक दिन श्री वेद राम को अपने किसी मित्र से एलिम्को (भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम) के बारे में पता चला, जिसके पश्चात उन्होंने एलिम्को के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया। बातचीत के दौरान उन्हें दिव्यांग व्यक्तियों की सहायता योजना और इस स्कीम का लाभ उठाने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद उन्होंने कानपुर में भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम का दौरा किया और एलिम्को में जीएआईटी प्रशिक्षण तथा परामर्श के बाद उनके घुटने के ऊपर कृत्रिम अंग लगाया गया। इस शारीरिक बदलाव के बाद श्री वेद राम को काफी प्रसन्नता हुई और उन्हें भरोसा हो गया कि वे फिर से अपने खेतों में जा सकेंगे और वहां पर काम कर सकेंगे।
श्री वेद राम इसके लिए सरकार को धन्यवाद देते हैं। वे कहते हैं कि इस तरह की सरकारी योजनाएं मेरे जैसे हाशिए के तबके वाले लोगों के लिए वरदान हैं। उन्होंने कहा कि अपनी आय के सीमित स्रोत के कारण मैं अपने लिए कृत्रिम पैर नहीं लगवा सकता था। इस नए निचले अंग ने मेरे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है और मुझे जिदंगी जीने की एक नई आशा जगा दी है। अपने चेहरे पर मुस्कान के साथ उन्होंने एलिम्को के कर्मचारियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया और सूचित किया कि वह एलिम्को परिवार के सदस्य की तरह महसूस करते हैं।