उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के एक उत्साही युवा साइकिल चालक, श्री अक्षय सिंह इलाहाबाद से वापस लौटते समय अपने किशोरावस्था में ही एक ट्रेन दुर्घटना में अपना दाहिना पैर गवां बैठे। निसंदेह, यह घटना उनके और उनके परिवार के लिए बड़ी दुखद थी क्योंकि वह विश्व साइकिलिंग की दुनिया में अपनी पहचान बनाने के लिए आतुर थे।
लेकिन उन्होंने इसको अपने जीवन के लक्ष्यों की प्राप्ति में बाधा नहीं बनने दिया और अपनी पढ़ाई के साथ-साथ अपने साइकिलिंग के जुनून को जारी रखा। इस दौरान, अक्षय और उनके माता-पिता को एलिम्को के बारे में पता चला और उन्होंने एलिम्को के नए विकसित कृत्रिम अंग लगाने वाले लोगों से संपर्क स्थापित किया।
भारत सरकार की एडीआईपी योजना के अंतर्गत दाहिने पैर से दिव्यांग श्री अक्षय की जांच की गई और उन्हें एलिम्को द्वारा घुटने के नीचे कृत्रिम पैर लगाया गया। उसके बाद, अगस्त 2019 में श्री अक्षय सिंह ने रिकॉर्ड 64 घंटे के समय में कानपुर से नई दिल्ली के इंडिया गेट तक साइकिलिंग के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए कोशिश की और उस उपलब्धि को सफलतापूर्वक प्राप्त किया।
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