मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर गलत बयानबाजी का 6 साल बाद फिर चर्चा में है। खबर है कि मामले में साल 2016 में शिकायत दर्ज कराने वाले शख्स को 6 साल बाद बुधवार को बयान देने के लिए बुलाया गया। आरोप लगाए गए थे कि एक रैली के दौरान पीएम मोदी को लेकर अपशब्द कहे गए थे। शिकायतकर्ता ने मामले में कांग्रेस नेता पर आरोप लगाए थे, जो अब विधायक हैं।
मामला मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान का बताया जा रहा है। शिकायत दर्ज कराई गई थी कि हजारों लोगों की मौजूदगी में पीएम को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए गए थे। शिकायत करने वाले शमसुल हसन बल्ली उस दौरान समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए थे और अब सनुक्त संघर्ष मोर्चा के जिला अध्यक्ष हैं। उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्य सरकार को भी ऑडियो-वीडियो सबूत के साथ शिकायत भेजी थी।
एनडीटीवी के अनुसार, बयान दर्ज कराने के बाद उन्होंने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री को लेकर मंच से अपशब्द कहे गए। कोई भी संविधान से बड़ा नहीं है… वह हमारे चुने हुए प्रधानमंत्री हैं। जो कोई भी उनके खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। मैंने तब राज्यपाल, डीजीपी, मुख्यमंत्री को शिकायत भेजी थी। लेकिन श्यामला हिल्स से पुलिस स्टेशन आने में 6 साल का समय लग गया।’खबर है कि ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल (AIMC) का पहले बार कॉन्क्लेव भोपाल में आयोजित हुआ। इसमें शामिल होने के लिए देशभर से 300 डेलीगेट्स पहुंचे थे। कॉन्क्लेव के बाद 29 अक्टूबर को एक सार्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन इकबाल मैदान में हुआ, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। बल्ली के अनुसार, वह आरिफ मसूद थे, जिन्होंने पीएम मोदी के लिए मंच से अपशब्द कहे थे।भाजपा प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है, ‘यह प्रशासन की प्रक्रिया है। कानून अपना काम करेगा। दोषियों को सजा मिलेगी। शिकायतकर्ता को बुलाने में 6 साल लग गए, केवल इसलिए ही हम यह नहीं कर सकते कि लापरवाही की गई थी।’कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा, ‘मंच पर दर्जनों लोग थे, लेकिन आरिफ मसूद कांग्रेस से विधायक हैं, उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है। यह विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास है। साल 2018 में जनता ने भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाया था। अगर बदले की नीति जारी रही, तो उन्हें फिर बाहर कर दिया जाएगा।’