मध्य प्रदेश के जबलपुर में द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया के चेयरमैन के घर ईओडब्ल्यू ने छापा मारा था। बिशप पर रचित दस्तावेज तैयार कर मूल सोसाइटी का नाम बदलने और करीब 2 करोड़ से ज्यादा रुपये धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर गबन करने का आरोप था। जिसके बाद बिशप को कस्टडी पर रखा है। पूछताछ के दौरान बिशप पीसी सिंह और उनके परिवार से जुड़े कई फर्जीवाड़े सामने आए।
दरअसल खुलासा हुआ है कि बिशप पीसी सिंह ने ना सिर्फ अपने बेटे पीयूष को अच्छी सैलरी पर चर्च के एक स्कूल का प्रिंसिपल बनाया बल्कि अपनी पत्नी नोरा सिंह को भी अवैध लाभ दिलवाया है। बिशप की पत्नी नोरा सिंह एक बार में चर्च की 8 संस्थाओं से सैलरी लेती थी। बिशप पीसी सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपनी पत्नी नोरा सिंह को चर्च के स्कूलों सहित 8 संस्थाओं का मैनेजर बना दिया था। बिशप पीसी सिंह की पत्नी को कागजों में एक बार में 8 संस्थाओं का इम्प्लॉई बताया गया था, जिनसे हर माह उसे अच्छी सैलरी मिलती थी।
जानकारी के अनुसार बिशप पीसी सिंह की पत्नी जबलपुर में चर्च के आशा विकास केन्द्र की डायरेक्टर, शिशु संगोपन गृह की डायरेक्टर, क्राईस्ट चर्च आईसीएससी स्कूल की मैनेजर, क्राईस्ट चर्च गर्ल्स स्कूल की मैनेजर, कटनी के बाडस्ले स्कूल की मैनेजर, दमोह के मिशन स्कूल की मैनेजर और बिलासपुर के बर्जेस गर्ल्स हॉस्टल की भी मैनेजर थी।
वहीं इन जगहों पर काम करना बताकर उसे सभी स्कूलों और संस्थाओं से हर माह सैलरी दी जाती थी। मिली जानकारी के अनुसार 6 साल में ही चर्च की अलग अलग संस्थाओं में एक साथ नौकरी करके 56 लाख रुपयों की सैलरी ली थी।
बता दें कि पीसी सिंह की पत्नि को होने वाली पेमेंट के सुबूत भी सामने आ गए हैं। जिसे लेकर अब चर्च ऑफ इंडिया के ट्रस्टी और शिकायतकर्ता एडविन लाल ने कार्रवाई की मांग की है। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस तरह के अवैध लाभ उठाना बिशप का शगल था और ईओडब्लू की जांच का दायरा बढ़ाया जाए तो बिशप का 10 हजार करोड़ का घोटाला सामने आएगा। इन सबके बाद अब ईओडब्लू नोरा सिंह के खिलाफ सुबूत जुटाने मे लगी हुई है।