गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) परिसर के सुल्तानिया अस्पताल के नए भवन में रविवार को पहली डिलीवरी हुई। यहां पहले ही दिन गर्भवती महिला चंद्रावती मेहरा ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया है। अब सोमवार से सुल्तानिया अस्पताल की इमरजेंसी में किसी भी नए मरीज को भर्ती नहीं किया जा रहा है। गांधी मेडिकल कालेज प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि कोई भी गर्भवती महिला जांच व इलाज के लिए अब सुल्तानिया अस्पताल न जाए।
बता दें कि सुल्तानिया अस्पताल की ओपीडी व इमरजेंसी चालू किया गया है। ऐसे में रोज ओपीडी में 200 से अधिक महिला मरीज पहुंच रही है। जिनका जांच कर इलाज किया जा रहा है। इनके इलाज के लिए चार आपरेशन थिएटर है, उन सभी चालू हो गए हैं। इमरजेंसी में दो माइनर आपरेशन थिएटर हैं।
गोविंदपुरा निवासी गोविंद सिंह सबसे पहले पत्नी चंद्रावती के साथ सुल्तानिया अस्पताल पहुंचे थे। यहां पहुंचने पर पता चला कि हमीदिया परिसर में नई जगह पर डॉक्टर व अन्य स्टाफ मौजूद है। सुल्तानिया में मौजूद स्टाफ ने गोविंद को हमीदिया अस्पताल जाने की सलाह दी। आपात स्थिति में चंद्रावती को लेबर रूम में ले जाया गया। प्रसव सामान्य था और मां और बच्चा दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं।कुछ दिनों के लिए शिशु, एक लड़के की मां के साथ निगरानी की जाएगी। रविवार को जब नए भवन में पहले बच्चे का जन्म हुआ तो स्टाफ ने खुशी जाहिर करते हुए न सिर्फ अभिभावकों को बधाई दी बल्कि मिठाइयां बांटकर इस पल को यादगार भी बना दिया। इससे पहले कोई जटिलता थी और शिशु को लगभग 5 किमी मुख्य जीएमसी परिसर में ले जाना पड़ता था।