पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि आज सरकार चीता इवेंट कर रही है। जहां यह कार्यक्रम हो रहा है श्योपुर जिला प्रदेश में सबसे ज्यादा कुपोषित जिला है। वहां कुपोषण दूर करने पर सरकार कुछ करती।
17 सितंबर को देश और मध्य प्रदेश इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है। अपने जन्मदिन के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 साल बाद नामीबिया से भारत पहुंचे 8 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में पीएम मोदी ने छोड़ा है। कूनों के क्वारंटाइन बाड़े में तीन नर और पांच मादा चीतों को छोड़ा गया है। लेकिन इसके लेकर विपक्ष ने इसपर सवाल खड़े किए हैं।
दरअसल मध्य प्रदेश में चीतों के आगमन को लेकर पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि आज सरकार चीता इवेंट कर रही है। जहां यह कार्यक्रम हो रहा है श्योपुर जिला प्रदेश में सबसे ज्यादा कुपोषित जिला है। वहां कुपोषण दूर करने पर सरकार कुछ करती। उन्होंने कहा कि जब गुजरात के गिर से जो शेर मध्य प्रदेश आना थे, उस पर आज ये बात क्यों नहीं कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार चीता प्रोजेक्ट पर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी। 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि चीतों को लाने की बजाय गुजरात के गिर से शेरों को ट्रांसलोकेट किया जाए। ताकि किसी बीमारी फैलने की स्थिति में शेरों को बचाया जा सके। 2013 में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी थे। और उस वक्त उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर तर्क दिया कि शिफ्टिंग में अड़चनें हैं। और इसी जवाब की वजह से गिर के शेरों को मध्य प्रदेश आने नहीं दिया गया।
इसी कड़ी में कांग्रेस के पूर्व मंत्री अरुणोदय चौबे ने पार्टी छोड़ दिया है। जिसे लेकर कमलनाथ ने कहा कि अरुणोदय चौबे को खरीद नहीं पाए, तो दबाव बनाने की कोशिश की। ये लोग सिर्फ किसी को भी खरीद सकते हैं आए दबाव बना सकते हैं। लेकिन किसी की भी आत्मा, दिल और दिमाग को खरीद नहीं सकते हैं। अरुणोदय चौबे के निष्कासन पर कहा कि हमने पहले ही उनको निष्कासित कर दिया था।