पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को सोरेन परिवार पर बड़ा हमला बोला। बाबूलाल मरांडी ने बताया कि सोरेन परिवार के पास कुल 250 करोड़ की 108 परिसंपत्तियां हैं। इसमें से महज 33 की जानकारी सोरेन परिवार के सदस्यों ने अपने चुनावी हलफनामा और आयकर विभाग को दी है।
बाबूलाल ने कहा कि सीबीआई व आयकर विभाग ने लोकपाल को जो रिपोर्ट दी है, उसमें सोरेन परिवार की ऐसी 82 संपत्तियों की जानकारी दी है। शिबू सोरेन ने अपनी संपत्ति दो करोड़ बतायी है, लेकिन उनकी संपत्ति 34 करोड़ से अधिक मिली है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट में लोकपाल के केस में जो हलफनामा सोरेन परिवार ने दिया है, उसी हलफनामा में सीबीआई की पूरी रिपोर्ट भी संलग्न है।
खेलते हैं आदिवासी कार्ड
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जब-जब सोरेन परिवार मुसीबत में फंसता है, तब ये आदिवासी कार्ड खेलते हैं। कहते हैं कि ये आदिवासी हैं तो इन्हें सामंती सोच वाले फंसा रहे हैं, लेकिन सोरेन परिवार का पूरा व्यवहार सामंती है। सीबीआई ने इनके परिवार की जो जानकारी इकट्ठी की है, उसके मुताबिक झारखंड में रांची से लेकर दुमका तक तथा यूपी, दिल्ली में कई जगहों पर परिवार ने परिसंपत्तियों का साम्राज्य खड़ा किया है।
उन्होंने दावा किया कि पूरी संपत्ति झारखंड राज्य गठन के बाद खड़ा किया है। बेनामी संपत्ति की वजह से सोरेन परिवार के सदस्यों की विधानसभा सदस्यता भी जा सकती है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि सोरेन परिवार के गलत कृत्यों की जांच नहीं हो सके, इसके लिए देश के नामी गिरामी वकीलों की मदद ली जाती है। ये जांच रोकना चाहते हैं, लेकिन ये नहीं बताते कि उनकी संपत्ति का रिसोर्स क्या है।
किसी आदिवासी परिवार के पास इतनी संपत्ति नहीं
बाबूलाल मरांडी ने दावा किया कि किसी आदिवासी परिवार के पास इतनी संपत्ति देशभर में नहीं होगी। सोरेन परिवार को इतनी अधिक संपत्ति अर्जित करने के लिए अपना नाम गिनीज बुक में दर्ज कराना चाहिए।