मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने अब अपनी ही सरकार में प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया थानों में टीआई की पोस्टिंग को लेकर नाराज हैं। मंत्री ने प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस समेत कई अधिकारियों को निरंकुश बताया हैं।
दरअसल, महेंद्र सिंह सिसोदिया शिवपुरी जिले के प्रभारी हैं। कुछ ही दिन पहले शिवपुरी जिले के एसपी राजेश सिंह चंदेल ने 10 थानों के टीआई का तबादला कर दिया। जिसे लेकर पंचायत मंत्री नाराज हो गए। मंत्री ने आरोप लगाया कि उनकी जानकारी में लाए बिना थाना प्रभारियों की नियुक्ति कर दी गई।
वहीं इसे लेकर मंत्री ने 29 अगस्त को शिवपुरी जिले के कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह को भी पत्र लिखकर ट्रांसफर किए गए थाना प्रभारियों की लिस्ट मांगी थी लेकिन कलेक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई बार बोल चुके हैं कि ये अधिकारी निरंकुश हो गए हैं और इन सभी के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी हैं।
मंत्री ने कहा कि भाजपा गरीबों की सरकार है और हमारे मुख्यमंत्री देश के सबसे अच्छे सीएम हैं लेकिन ये अधिकारी निरंकुश हो गए हैं। ट्रांसफर नीति के तहत पुलिस प्रशासन का काम है लेकिन पुलिस अधीक्षक का ये भी दायित्व है कि वह जिले के प्रभारी और मंत्री को संज्ञान में लेकर फैसले करे। लेकिन इसके लिए मेरा अप्रूवल नहीं लिया गया।
मंत्री के इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। मंत्री सिसोदिया के बयान पर मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के समन्यवयक नरेंद्र सलूजा ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि शिवपुरी जिले में बुआ – भतीजे की वर्चस्व की लड़ाई है। मंत्री को आगे रखकर ग्वालियर चम्बल में वर्चस्व बनाये रखने लड़ाई हो रही है। सत्ता परिवर्तन की सुगबगाहट के संकेत है।
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मैंने उनका बयान सुना नही है, लेकिन ऐसी स्थिति होना नही चाहिए, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर कोई कंफ्यूज़न है तो दूर किया जाना चाहिए। हमारे मुख्यमंत्री इसको स्वतः संज्ञान लेंगे और कोई संवादहीनता है तो उसको दूर की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्री सिसोदिया को भी मैं बड़े ही निकट से जानता हूं, वो बहुत अच्छे इंसान हैं। और मुख्य सचिव को भी निकट से जानता हूं ऐसी कोई स्थिति नही है। फिर भी कोई स्थिति है तो उसे ठीक किया जाना चाहिए। क्योंकि जनप्रतिनिधि, जनप्रतिनिधि होता है, उसके मर्यादा और सम्मान का ध्यान सभी को रखना चाहिए।