मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द करने के मामले के बाद राज्य सरकार ने नर्सिंग कॉलेज को एक और मौका दिया है। सरकार ने अगले 3 दिन में मान्यता के दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए हैं। आदेश के अनुसार नर्सिंग कॉलेज मान्यता से जुड़े दस्तावेज जमा करें और यदि ऐसा नहीं किया गया, तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द करने के बाद छात्रों का का भविष्य खतरे में आ गया है। डिग्री को लेकर छात्रों में चिंता का माहौल है। नवीनीकरण के लिए कॉलेजों ने जरूरी दस्तावेज नहीं दिए थे। और अब ऐसा माना जा रहा है कि दस्तावेज देने और निरीक्षण के बाद दोबारा मान्यता बहाल हो सकती है।
वहीं नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द होने पर लगातार सियासत हो रही थी। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा था कि विधानसभा में पुरजोर तरीके से नर्सिंग कॉलेज घोटाले का मुद्दा उठाएंगे। अवैध रूप से मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं।
उधर नेता प्रतिपक्ष के आरोपों पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने पलटवार किया था। उन्होंने कहा कि फर्जी नर्सिंग कॉलेजों में कांग्रेस नेताओं के कॉलेज शामिल हैं। जांच में गड़बड़ी पाई गई, तो जांच कमेटी पर भी कार्रवाई की जाएगी। हमने ही बड़ी संख्या में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को समाप्त किया।
सरकार के इस आदेश के बाद एनएसयूआई मेडिकल विंग के प्रदेश संयोजक रवि परमार ने शिवराज सरकार का मानसिक संतुलन बिगड़ने की बात कही। रवि ने कहा को सरकार ने पहले बिना किसी जांच और जानकारी के कालेजों की मान्यता निरस्त कर दी। जिससे हजारों छात्र छात्राओ के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा था। और अब एनएसयूआई के विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार को होश आया और पुनः निलंबित कालेजों को मौका दिया। लेकिन सरकार ने पहले जो फैसला लिए उससे अधिकारी नहीं बल्कि बीजेपी सरकार के मंत्रियों की मंशा उजागर होती हैं।
बता दें कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने मध्य प्रदेश के 241 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी थी। मप्र नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल के मान्यता रद्द करने के बाद आईएनसी ने यह कदम उठाया था। इनमें 94 कॉलेज 2020-21 के और बाकी इसके पहले के कॉलेज शामिल हैं।इसके पहले एमपी नर्सिंग काउंसिल ने तीन महीने के इंतजार के बाद एक बार फिर से 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता रद्द की थी। यह मान्यता शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए रद्द की गई। और इस सूची में भोपाल के आठ नर्सिंग कॉलेज है। वहीं इंदौर में 16 और जबलपुर में 7 नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द की गई।